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मुक्तक

तेरी यादों की जब भी आहट होती है!
दिल में जैसे कोई घबराहट होती है!
साँसों की रफ्तार बढ़ जाती है जिस्म में,
धड़कन में चाहत की गर्माहट होती है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
(#मात्राभार_24)

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