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मुक्तक

जिन्दगी कभी आज है कभी कल होती है!
कभी तन्हा कभी धूप की सकल होती है!

लेना-देना पाना-खोना है जिन्द़गी,

रोती हुयी आवाज ही गज़ल होती है!

 

Composed By #महादेव

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