मुक्तक Mithilesh Rai 6 years ago कभी तो किसी शाम को घर चले आओ! कभी तो दर्द से बेखबर चले आओ! रात गुजरती है मयखाने में तेरी, राहे-बेखुदी से मुड़कर चले आओ! मुक्तककार – #मिथिलेश_राय #मात्रा_भार_22