Site icon Saavan

मुक्तक

तेरे आ जाने से फिर बहार आ गयी है!
हरतरफ तेरी खुशबू खुशगवार आ गयी है!
वीरान था आलम मेरी तमन्नाओं का,
मेरी जिन्दगी फिर से एक बार आ गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Exit mobile version