मुक्तक Mithilesh Rai 6 years ago मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख्म को तेरा ठुकराना याद है। लबों को खींच लेती है पैमाने की तलब- हर शाम साक़ी को मेरा आना याद है। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय