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मुक्तक

मैं तेरे बग़ैर तेरी तस्वीरों का क्या करूँ?
मैं तड़पाती यादों की जागीरों का क्या करूँ?
मैं अश्कों को पलकों में रोक सकता हूँ लेकिन-
मैं दर्द की लिपटी हुई जंजीरों का क्या करूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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