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मुक्तक

मेरी जिन्दगी में कभी ऐसा भी मुकाम हो!
मेरा नाम तेरे लब पर सुबह और शाम हो!
रोशनी करीब रहे बस तेरे दीदार की,
सामने मेरी नजर के ऐसा इंतजाम हो!

Composed By #महादेव

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