मुक्तक Narendra Singh 5 years ago है परिभाषित सतत संघर्ष और संग्राम अभिनंदन। हैं हम सारे अयोध्या के निवासी, राम अभिनंदन। वो जो हर भौंकते से श्वान का मुंह वाण से भर दे। कि इस कलयुग में उस एकलव्य है नाम अभिनंदन।