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मुक्तक

बचपन लड़कपन की याद अभी वही हैं
रिस्ते में दोस्ती की मिठास अभी वही हैं
चन्द पल की ही तो दुरी हुयी हैं ऐ दोस्त
मिलेगें फिर उसी गली में महफिल जमाने

महेश गुप्ता जौनपुरी

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