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मुक्तक

कोई कहे कैसे उसको ग़म नहीं है?
जो कुछ मिल गया है उसको कम नहीं है।
तुम हर तरफ़ ढूँढ़ लो इलाज़े-मर्ज़ को-
इस दर्द का कोई भी मरहम नहीं है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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