वो राह वो बस्ती, वो घर, वो गलियां ,
वो राह के कांटे , वो फूल और कलियाँ ,
मुझे फिर याद आये..
वो दो दिलों की धड़कन ,वो दोपहर का साथ,
वो शाम का मौसम , हाथो में तेरा हाथ ,
मुझे फिर याद आये
वो बचपनों के खेल, वो प्यार में रुसवाई ,
वो हार में भी जीत , अब याद और तन्हाई,
मुझे फिर याद आये.
…atr