Site icon Saavan

“मेरी अभिलाषा”

तेरे एक इशारे पे
जो तू चाहे मैं वो ले आता
तेरे जीवन के अंधेरे मिटाने को
सौ जुगनुओ से उजाला चुरा ले आता
तेरे बंजर पड़े खेतों में
अपनी आँखों से बरसात करा देता
तुझे क्यूँ लगता है रुलाऊँगा कभी तुझे
मुझसे तो टपकता नल भी देखा नहीं जाता

Exit mobile version