“मेरी अभिलाषा” रोहित 3 years ago तेरे एक इशारे पे जो तू चाहे मैं वो ले आता तेरे जीवन के अंधेरे मिटाने को सौ जुगनुओ से उजाला चुरा ले आता तेरे बंजर पड़े खेतों में अपनी आँखों से बरसात करा देता तुझे क्यूँ लगता है रुलाऊँगा कभी तुझे मुझसे तो टपकता नल भी देखा नहीं जाता