तुम्हारे अधरों से छू कर,
मेरे गीतों का सम्मान हुआ
तुम पंख पसारे उड़ो नील गगन में,
दिल से निकली है यह दुआ
तुम्हें यह सारा जग जाने,
तुम्हारा सब लोहा मानें
जो तुम चाहो वो सब मिले,
रब चाहो तो रब मिले
सारी खुशियां हो तुम्हारे द्वार,
कर जाओ तुम ये बेड़ा पार
_____✍️गीता