मेरी हिंदी,मेरा अभिमान! मोहन 4 years ago मेरी भावनाओं में; जो उत्तथ-पुथल है , उनको शांत ! वो आराम से कर सकती है, माना बहुत सारी है, भाषाएं इस संसार में, मगर मेरी आत्मा को तृप्त! मेरी हिंदी ही कर सकती है। हिंदी दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏🙏मोहन सिंह मानुष