मेरे मोहल्ले में
न मंदिर बनाओ …
न मस्ज़िद बनाओ
यदि बनाना ही है
तो एक स्कूल बनाओ
मेरे मोहल्ले में न गीता का पाठ हो
न जुमे की नमाज़ हो
अगर पाठ कोई हो तो
वह इंसानियत का पाठ हो
मेरे मोहल्ले में
न पंडित को भेजो और न पूजा को भेजो
न क़ाज़ी को भेजो और न नमाज़ी को भेजो
अगर भेजना ही है
तो शिक्षा को भेजो और शिक्षक को भेजो
मेरे मोहल्ले में
न हिन्दू बनाओ
और न मुसलमान बनाओ
इंसान को इंसानियत से घेरो
और इंसान बनाओ
मेरे मोहल्लों को
इंसानो की बस्ती ही रहने दो
मेरे मोहल्ले में
एक स्कूल खुलने दो ।
तेज