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मैं हर बात समझती हूं

मैं हर बात समझती हूं
दिमाग की थोड़ी कच्ची हूं
नादानियां कूट-कूट कर भरी है मुझमें
फिर भी दिल की अच्छी हूँ
मैं हर बात समझती हूं

कल्पनाओं में विचरण करती हूं
खट्टे मीठे सपनों में खोई रहती हूं
फिर भी मैं हर बात समझती हूं।

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