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मोहब्बत की कड़ी जोड़ों

बेवजह मत उछालो
इस तरह से कीच दूजे पर,
जिंदगी मत बिताओ
दूसरों से रोज लड़-भिड़ कर।
प्यार से भी कभी जी लो
करो इज्जत सभी की तुम,
स्वयं ही दूर भागेंगे
न टिक पायेंगे कोई गम।
हर घड़ी लाभ मत देखो
कहीं पर स्वार्थ भी छोड़ो
तोड़ने से तो अच्छा है
मोहब्बत की कड़ी जोड़ों।

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