जाते जाते बस एक काम कर देना,
मेरे मोहब्बत को एक नाम दे देना ।
गर कभी दुब जाऊं यादों में उसकी,
तो मुझे बस दो घुट जाम दे देना ।।
बड़ा बदनाम था मैं उसकी गली में,
मरने के बाद मुझको पहचान दे देना ।
जो चार दोस्त रहते थे साथ मेरे,
मेरी अर्थी उठाने का उन्हें काम दे देना ।।
जो मशगूल था उनके यादों के सहर में,
कभी उन्हें भी हिज्र की शाम दे देना ।
जो मोहब्बत में टूट जाते हैं अक्सर,
उन्हें जिंदगी में एक नया मुकाम दे देना ।।