मोहब्बत राही अंजाना 6 years ago मोहब्बत के ख्वाब ने ये कैसा इत्तेफ़ाक कर दिया, दिल्लगी ने धड़कन को ही दिल के खिलाफ़ कर दिया, अच्छी ख़ासी तो चल रही थी ज़िन्दगी ‘राही’ अपनी, फिर क्या हुआ जो इस नशे ने तुम्हें ख़ाक कर दिया।। राही (अंजाना)