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रंग भरी है जिन्दगी (कुंडलिया)

रंग भरी है जिन्दगी, रंगों में रह मस्त,
कष्ट से भी खोज खुशी, कभी न होगा पस्त,
कभी न होगा पस्त, समय रंगीन बनेगा,
मन में खिलता रंग, तुझे प्रवीण करेगा,
कहे सतीश होली में पुलकित कर हर अंग,
जहां न अब तक लगा, वहां तू लगा ले रंग।
—— डॉ0 सतीश चंद्र पाण्डेय,

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