रात राही अंजाना 4 years ago बीती रात कमल दल फूले, हम उनके सपनों में फूले, उनकी रंग भरी बातों में, हम भूली बिसरी यादें भूले, आँख खुली तब हमने देखा, हम भ्रम की बाहों में झूला झूले, वो बन्द कली भी खिल जाती, गर उसको राही अंजाना छूले।। राही अंजाना