राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
तेरा बेडा पार लगायेंगे राम
तु मन से हटा ले विकार
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राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
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गणिका को प्रभु उबारा
अहल्या को प्रभु तारा
तेरा भी शरनागत करेंगे स्वीकार
तु मन से हटा ले विकार
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राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
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पतितों को पावन करते है राम
भोगी को बैरागी बनाते है राम
सबको अपना आसरा देकर नाथ
सबका भावसागर पार लगाते है राम
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राम आयेंगे तेरे द्वार
तु मन से हटा ले विकार
कवि विकास कुमा