रिवाज राकेश 3 years ago अपनाते हैं बुरी राह जो उनके दोस्त कई बन जाते हैं सांच की राह चलने वाले खुद को अकेला पाते हैं हर गुनाह को अच्छा कहने का रिवाज चला है मारे जाते हैं वो लोग जो हां में हां नहीं मिलाते हैं