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लड़ती रही जिंदगी से खुशियों के लिए

लड़ती रही जिंदगी से खुशियों के लिए
झगड़ती रही खुद से अपनों के लिए
उम्मीद थी इक सच्चे प्यार की इस झूठी दुनिया में
आंखे बंद करने की ख्वाहिश है सपनों के लिए

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