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‘विश्व एड्स दिवस’

आज विश्व एड्स दिवस है
जो HIV के संक्रमण से
जागरुकता हेतु मनाया जाता है…
यह आठ सरकारी स्वास्थ्य
दिवसों में से एक कहलाया जाता है….
सबसे पहले १९८७ में
जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नामक व्यक्तियों यह दिवस मनाया था…
फिर (WHO) के सामने
‘विश्व एड्स दिवस’ मनाने का विचार रखा था…
१ दिसंबर १९८८ के बाद से
यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है..
सरकारी एवं गैरसरकारी संगठनों
द्वारा एड्स से बचाव के लिए
जागरुक किया जाता है….
थोड़ी सुरक्षा और थोड़ी सावधानी,
HIV एड्स से बचाये हमारी जिंदगानी…
यह छूने और साथ खाने से नहीं फैलता है,
एड्स संक्रमित व्यक्ति से प्रेम जताओ यही मानवता है….

विशेष जानकारी:-
एड्स का पूरा नाम:- ‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ है और
यह एक तरह का विषाणु है,
जिसका नाम HIV (Human immunodeficiency virus) है…
विश्व एड्स दिवस’ मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरुकता बढ़ाना है…
एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक 37.9 मिलियन लोग HIV के शिकार हो चुके हैं. दुनिया में रोज़ाना हर दिन 980 बच्चों एचआईवी वायरस के संक्रमित होते हैं, जिनमें से 320 की मौत हो जाती है. साल 1986 में भारत में पहला एड्स का मामला सामने आया था. भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन है…

इसीलिए इसका बचाव व उपचार करना जरूरी है..

क्यों होता है एड्स ??

१-अनसेफ सेक्स करने से.
२-संक्रमित खून चढ़ाने से.
३-HIV पॉजिटिव महिला के बच्चे में.
४-एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से.
५-इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से…

लक्षण:-
-बुखार, पसीना आना,ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटा,उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना
सांस लेने में समस्‍या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्‍लम…

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