वो जो मुह फेर कर गुजर जाए Deepika Singh 8 years ago वो जो मुह फेर कर गुजर जाए हश्र का भी नशा उतर जाए अब तो ले ले जिन्दगी यारब क्यों ये तोहमत भी अपने सर जाए आज उठी इस तरह निगाहें करम जैसे शबनम से फूल भर जाए अजनबी रात अजनबी दुनिया तेरा मजरूह अब किधर जाये