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वो बचपन वाला मैदान

वो बचपन वाला मैदान आज भी मेरे इंतज़ार में
मुझसे मिलने को तरस रहा है,

अब तो बादल भी गुस्से में है मेरे यार
मेरे न होने पे वो सिर्फ गरज रहा है,
सिर्फ गरज रहा है।।

-मनीष

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