शायरी Pankaj Garg 7 years ago जो मेरा हो नहीं पाया , मैं उसको याद करता हूँ , फिर उसको भुलाने की भी मैं फ़रियाद करता हूँ भुलाने के उसे मैं सौ बहाने ढूंढ लूँ चाहे उसी का जिक्र सबसे मैं उसी के बाद करता हूँ ।