वह पढ़ना चाहता है
जीवन से लड़ना चाहता है।
आगे बढ़ना चाहता है
किंतु क्या रोक रहा उसको,
कोई टोक रहा उसको
बाप कहे कुछ कर मजदूरी,
ऐसी भी क्या है मजबूरी
चंद सिक्कों की खातिर,
कौन कर रहा बचपन पर अत्याचार है,
शिक्षा तो उसका अधिकार है।
कोई इन्हें समझाए,
यदि ये बच्चे शिक्षित हो जाएं,
तो तुम्हारे ही घर का उद्धार है।
देश का भी हित होगा,
फिर क्यों इनका अहित हो रहा।
मैं समझाती रहती हूं,
अक्सर मिलती मुझको हार है।
कैसे समझाया जाए इनको,
शिक्षा का महत्व
यही सोचती “गीता” बारम्बार है।।
_____✍️गीता