संस्कार है
हमारे जीवन का आधार
जिसकी दहलीज़ पार करने पर
समाज बहिष्कृत कर देता है
और
जिसका पालन करने पर
महापुरुष की उपाधि देता है।
जीवन में संस्कार और
शुद्ध आचरण
हमें दैवीय शक्तियों से लैस करता है,
पतित से पावन बनाता है।
इसलिए हमें अपने आचरण की ओर
ध्यान देना चाहिए और
संस्कार में शुद्धता रखनी चाहिए।