Site icon Saavan

सच्चा दोस्त

उदास शामों में,
सुकून के रंग भर दे l
बिन कुछ कहे सुने ही,
मन की कर दे l
ग़म के तिमिर में,
चुपके से आकर
रौशन कर दे जो,
चिराग सुकूँ का l
जल में गिरा अश्क भी पहचान ले,
वही सच्चा दोस्त है तू जान ले॥
—–✍गीता

Exit mobile version