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साया

तेरा साया मेरे साये में कुछ ऐसे समा जायेगा,
के तेरे चेहरे में मेरा चेहरा कोई ढूंढ नहीं पायेगा,
जिस तरह रहती है हवा दरमियाँ हर किसी के,
हमारा वजूद भी हर किसी के चेहरे से बयाँ हो जायेगा॥
राही (अंजाना)

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