सारी यादें बन्द दरवाज़े के पीछे कैद कर रहा हूँ राही अंजाना 6 years ago सारी यादें बन्द दरवाज़े के पीछे कैद कर रहा हूँ, हर एक निशानी को मैं कैसे सुफैद कर रहा हूँ, कोई आंकलन ही नहीं मुझे इस सनक का मेरी, क्यों सांकल लगा कर मैं खुद को ही मुस्तैद कर रहा हूँ।। राही (अंजाना)