साहित्य साहित्य है
न हार न जीत है,
न जद्दोजहद है,
न ही संघर्ष है।
न दूसरे पर निशाना है,
न कोई बहाना है,
साहित्य साहित्य है,
संघर्ष नहीं है।
साहित्य दर्द है जीवन का
साहित्य जीवन की खुशी है,
साहित्य न कोई लफ़ड़ा है
साहित्य न कोई झगड़ा है, साहित्य प्रेम है,
साहित्य मन का है
स्वान्तः सुखाय है
बहुजन हिताय है।
साहित्य आनन्द है
साहित्य उमंग है।
साहित्य जीवन के
करीब और संग है।