“सुना है” Ushesh Tripathi 8 years ago सुना है रहजन बहुत हैं तिरी राह पर मयकशी के जाम आँखों से लूटते हैं, चलों लुटने के बहाने ही सहीं ‘ज़नाब’ तिरी जानिब फिर से हो कर गुजरते हैं,