सुबह Satish Chandra Pandey 3 years ago सुबह तुम बहुत मनोहर हो, शीतल, शांत, साफ हो बहुत मनोरम हो। उड़गन का चहचहाना हो नए फूलों का खिलना हो, नई किरणों से मिलना हो नई आशा जगाना हो, बीती को भुलाना हो, नया आगाज करना हो, सुबह उपयुक्त हो सचमुच बहुत सुंदर, मनोहर हो।