सोचती हूँ, क्या लिखूं…?
कोई ग़ज़ल, या शायरी लिखूं…?
या कोई क़िस्सा लिखूं प्रेम कहानी का..,
जिसमें मैं ख़ुद को “तुम्हारी” लिखूं ।।
सोचती हूँ, क्या लिखूं…?
कोई ग़ज़ल, या शायरी लिखूं…?
या कोई क़िस्सा लिखूं प्रेम कहानी का..,
जिसमें मैं ख़ुद को “तुम्हारी” लिखूं ।।