सो जाते हैं हम Ambrish 8 years ago सो जाते हैं हम अधूरेपन की थपकी उधेड़बुन वाली लोरी कल परसों की सिसकी और किसी दी हुई हिचकी लिए सो जाते हैं हम सपनों की तकिया सुकून की रजाइयाँ अनजान से सन्नाटे और अटकती सांसो के ख़र्राटे लिये सो जाते हैं हम ~अम्बरीश