स्वप्न राही अंजाना 6 years ago जब रात स्वप्न में मैं सोया था, एक गहरे समन्दर में खोया था, दूर दूर तक सच कुछ नहीं था, मैं एक झूठी दुनियाँ में रोया था, राही (अंजाना)