Site icon Saavan

स्वयंभू

आज खुश तो बहुत होगे तुम
आखिर बो ही दिया
तुमने नफरत का बीच
उगल दिया अपनी जुबान का विष
स्वयं को स्वयंभू समझते हो
ना जाने क्या समझते हो??

Exit mobile version