हक nitu kandera 4 years ago तुमने बसा ली अपनी दुनिया मुझे तो किसी छत का भी सहारा नहीं चाह कर भी मैं तुम्हारा हाल ना पूछ सकू कहीं कह दो की अब ये हक तुम्हारा नहीं.