चलो चांद पर चलकर बैठेंगे,
कुछ नैन मटक्का खेलेंगे।
क्या दिल में है अरमान तेरे!
क्या दिल में है अरमान मेरे!
तारों की छैयां बैठेंगे,
हम आंखों में बस देखेंगे।
तुम भी पढ़ना मैं भी देखूं
आखिर मेरी क्या चाहत है?
तुम खो जाना,
तब मैं ढूंढूं !
तुम्हें मेरी कितनी जरूरत है।
सिर्फ खेल नहीं,
यह जीवन है।
इप्पी- दुप्पी तुम समझो ना।
शतरंज नहीं ना चौपड़ है,
चालो पे चाले चलना ना।
दिल को मेरे जो जाती है,
वह सीधी सादी रस्ता है
बस हाथ पकड़ थामे रहना,
यदिएक दूजे का बनना है।
तेरे प्यार पर मेरा हक पूरा,
नहीं और किसी का हिस्सा है।
यदि है मंजूर
तो समझो तुम
इतिहास में अमर यह किस्सा है।
निमिषा सिंघल