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हम पलों का नहीं

हम पलों का नहीं
पलकों का हिसाब रखते हैं,
जिनको दुत्कारते सब
उनसे मिलाप रखते हैं।
जब कभी नींद नहीं आती है
रात भर करवटें सताती हैं,
तब लगा ध्यान, बन्द आंखों से
खुद का खुद से मिलाप करते हैं।

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