Site icon Saavan

हर उम्मीद जुङी तुमसे हो

जब-तक सांस मेरे तन में रहे
तेरे हाथों में हाथ मेरा हो
हर उम्मीद जुङी हो तुमसे
बस हर क्षण तेरा साथ हो।।
उम्मीदों की सहर हो या
ढलती उम्र की शाम हो
समय का कैसा भी हो पहर
पर लवों पर तेरा ही नाम हो।
कितने दिन बीते ऐसे
साथ रहे अजनबी जैसे
फासला अब और नहीं
तुम बिन कोई ना काम हो।
मन से आपका सम्मान करूं
आप भी मेरा मान रखें
चाहे जितनी भी बाधाएं आएं
हर हाल में तेरा ही मन‌ में ध्यान हो।
आंख खुली ‌या बन्द रहे
सांसों की गति क्यूं न मंद रहे
पर तेरा ही मनन करूं मन में
तुझसे ही जुङा हर काम हो।
आश तुझी से पूरी हो
मरूं तो मांग सिंदूरी हो
तुझसे न कोई दूरी हो
तुझसे ही जुङा जीवन का तार हो।

Exit mobile version