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हर किसी को यहां समन्दर नहीं मिलता

हर किसी को यहां समन्दर नहीं मिलता

ढूढते तो हैं हम भी मगर नहीं मिलता

मुद्दतों पहले जो मुझसे छुट गया था

अब मुझे वो पुराना सफर नहीं मिलता

मौत भी भला कहाँ सस्ती है यारो

बिना पैसों के तो यहां जहर नहीं मिलता

रिश्ते कितने बदल गये हैं इस दौर में

किसी का साथ उम्र भर नहीं मिलता

©विशाल विशु

 

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