हिजाब राही अंजाना 5 years ago देखते ही देखते सारे जवाब खो गये, ज़मीन पे लेटते ही सारे ख्वाब सो गये, उठाये थे ज़माने ने सावल जितने भी, हकीकत से मिले सारे हिजाब हो गये।। राही अंजाना