इतने सालो से अपने कंधो पे
जिम्मेदारी माँ की ले रखी है
माँ की तू बेटी है
घर की तू तरक्की है
अनपढ़ माँ की अब तू इकलौती
कलम और तख्ती है
किस तरहा सुधर गया जीवन
दुनिया हक्की बक्की है.
जो तेरे कर्म मे था
परिश्रम तूने गहन किया
कई मुश्किलें सर आन पड़ी
सभी को तूने सहन किया
गरीबी मे साथ दिया माँ का
फटे कपड़ो को भी पहन लिया
छोड़ना ना कभी
जो माँ का हाथ थाम लिया
आज के दिन तूने जन्म लिया
हैप्पी बर्थडे मेरी बहन संध्या.