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है एहसास मुझे

माशूम ज़िंदगी के तुम्ही तो सहारे थे
भोले चंचल मन को कितने प्यारे थे
नयनो के दर्पण में अक्स उभरता था
मुझे और खिलोने की नहीं जरुरत थी
कभी न तुमसे रहा था तकरार मुझे

ज़िंदगी क्षणभंगुर सबका ही साथ छूट जाता है
मन को तसल्ली है तेरा मेरा अटूट नाता है
बहुत रोया था अचानक तेरे ओझल हो जाने से
काला बादल मन के आसमा पर छा जाता था
अब तो दूर रहकर भी न लगती हो दूर मुझे —

आस बस यह की जन्म बाद भी तेरा मेरा साथ रहे
जिस तरह मेरे पीछे आयी चाहत बरक़रार रहे
मैं तो न कभी अपनी चाहतों के पीछे भागा हूँ
हाँ मेरे चाहने वाले को मेरा साथ रहे
ईश तो साथ है बरसात का है एहसास मुझे —

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