अंगारों से खेलूंगा और तूफ़ा से लड़ जाऊंगा
मंज़िल मुठ्ठी में होगी ,ऐसे पीछे पड़ जाऊंगा
एक हार से कम ना आंको मुझे जरा दुनिया वालों
हर मुश्किल घुटने टेकेगी, गर जिद पे अड़ जाऊंगा
शक्ति त्रिपाठी देव
अंगारों से खेलूंगा और तूफ़ा से लड़ जाऊंगा
मंज़िल मुठ्ठी में होगी ,ऐसे पीछे पड़ जाऊंगा
एक हार से कम ना आंको मुझे जरा दुनिया वालों
हर मुश्किल घुटने टेकेगी, गर जिद पे अड़ जाऊंगा
शक्ति त्रिपाठी देव