✍? (अंदाज ) ?✍
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बिषमताओ से टकराना जरूरी है
संघर्ष के जल से नहाना जरूरी है
जीवन है गतिमान लय का रूप
जिंदगी मे संवर जाना जरूरी है
प्रतिकूलता है वक्त का इम्तहान
समय मे निखर जाना जरूरी है
न हो कुंठित निराशा से ङर कर
आशा को ऊर मे लाना जरूरी है
शिक्षा का उद्देश्य है नव परिवर्तन
विकृत का पल ढहाना जरूरी है
तू ऊर्जावान है आज का अर्जुन
परिवेश मे बदलाव लाना जरूरी है
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श्याम दास महंत
घरघोडा
जिला-रायगढ (छग)
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(दिनांक 01-04-2018)